Hamida Banu: All About The Incredible Life of India’s First Woman Wrestler “मुझे एक मुकाबले में हराओ और मैं तुमसे शादी कर लूंगी।” बीबीसी के अनुसार, सुश्री बानो ने फरवरी 1954 में पुरुष पहलवानों को यह चुनौती जारी की थी। हमीदा बानो (Hamida Banu) का जन्म 1900 के प्रारंभ में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ क्षेत्र में हुआ था। उन्हें भारत की पहली पेशेवर महिला पहलवान माना जाता है। 1940 और 1950 के दशक के दौरान, वह उस अवधि के दौरान प्रसिद्ध हुईं जब सामाजिक सम्मेलनों ने महिलाओं को खेलों में भाग लेने से सख्ती से रोका। उनकी असाधारण उपलब्धियों और करिश्माई आचरण ने उन्हें दुनिया भर में मशहूर हस्ती बना दिया। वह अपने युग में एक अग्रणी थीं और भारत और दुनिया भर में लोग उनकी बहादुरी से प्रेरित हैं। आज का Google डूडल सुश्री बानू के असाधारण जीवन का सम्मान करता है, जिनकी विरासत दृढ़ता, इच्छाशक्ति और बाधाओं को तोड़ने का उदाहरण है। क्या हमीदा बानो एक इंसान है? 1900 की शुरुआत में, हमीदा बानो का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ क्षेत्र में पहलवानों के एक परिवार में हुआ था। उन्होंने उस दौर में कुश्ती शुरू की जब सामाजिक परंपराएँ बड़े पैमाने पर महिलाओं को खेलों में भाग लेने से रोकती थीं। लेकिन वह “जुनूनी थी और वह वैसे भी पुरुषों के साथ प्रतिस्पर्धा करती थी,